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पिग फार्मिंग की लीचड़ राजनीति

भाइयो ,
कहानी बड़ी है, समय निकाल कर पढ़ें जरूर। 

रामायण में हनुमान जी जब समुद्र पार कर के लंका जा रहे थे , तो समुद्र में एक ऐसी राक्षसी रहती थी जो समुद्र के ऊपर से गुजरने वाली किसी भी जीव / वस्तु को खींच लेती थी और खा जाती थी । कभी सोचा कि क्या उसे समुद्र में मछलिया , जीवजंतु कम पड़ जाते थे खाने के लिए ? नहीं।  
थोड़ा सोचिये आज भी वही सब हो रहा है किसी को समस्या अपने साथ वालो से नहीं बल्कि खुद से ऊपर जो जा रहा है उस से है। कैसे भी गिराओ , नीचे गिराओ। 

मेहनत करिये , संघर्ष करिये और आगे बढिये।   


जिंदगी में अक्सर जब सफलता आपको मिलती है , तो आपसे जलन रखने वाले भी बहुत सारे लोग पैदा हो जाते हैं।  इसी तरह हमारे साथ भी इसी तरह की गंदगी फ़ैलाने की कोशिश दो चार लोगों ने की है उसके कई कारण भी हैं जैसे कि
१. बिजनेस में हमारा उनसे काफी आगे होना। 
२. नए लोगों को फ्री ट्रेनिंग देना। इससे कुछ लोगो की फर्जी महीने की लूट पर असर पड़ा होगा। अभी पिछले महीने मई 2019 में मैंने 15 नए पिंगफर्मिंग के भाइयो को फ्री ट्रेनिंग दी। 

ठीक इसी तरह कुछ लोगों ने मेरे खिलाफ एक फ़र्ज़ी साजिश बनाई , एक तरफ की बात सुनकर आप  राय न बनायें , किसी भी भाई को कुछ जानना हो तो सीधे मुझे कॉल करे।  

मुझे चोर कहने वाले लोगों के तर्क कुछ इस तरह हैं ..
१. चंद्रमोहन अलीगढ : इन्होने हमसे कभी जानवर (पिग्स) नहीं खरीदे , बल्कि हमने इनसे रेसीड्यू खरीदा दो बार , पहली गाड़ी का माल सही था , हमने पेमेंट कर दिया। दूसरी गाड़ी का  रेसीड्यू जो मैंने अपने साथी अंकित जी रुद्रपुर (08006800312 ) को भिजवाया, जोकि सड़ा हुआ जिसमे कीड़े पड़े हुए थे हमने नहीं लिया और वापस लेने को कहा।  जिसकी विडिओ और फोटो , कॉल रिकॉर्डिंग आज भी मेरे पास है।
16 जुलाई को चंद्रमोहन को कॉम्प्रोमाइज किया है, इनके पास हमारा चैक 23 हजार का था , 17 हजार में सहर्ष कॉम्प्रोमाइज किया है चंद्रमोहन ने । कॉम्प्रोमाइज का मतलब केस जीतना नही होता । 
जो खराब माल चंद्रमोहन ने हमें भेजा था उसकी विडिओ यह है देखिये।


२. अतुल पचौरी फ़िरोज़ाबाद : इन भाई को लगभग 100+ पिगलेट अक्टूबर 2016 में हमने दिए, इनके फार्म पर पिगलेट पहुंचने के लगभग 1 महीने बाद कुछ पिग्लेट्स (15 से 20) ठण्ड आने पर मर गए। तो इसका जिम्मेदार इन्होने हमें बना दिया।  वजह पता नहीं ठण्ड का मौसम था या इनकेअनुभव और मैनेजमेंट की कमी। 

३. मनोज जी अलीगढ : कल 06 मई शाम को मनोज भाई से मेरी बात हुई, इनसे हमारे सम्बन्ध एकदम बेहतर हैं , उनसे बिना पूछे ही उनका नाम डाल दिया जिसकी जानकारी उन्हें भी नहीं इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं। भाई के दस एक हजार रु हमपर निकलते हैं जिसकी डिटेल मैंने भाई से मांग रखी है फिलहाल जो उनसे मिस हो गई है। मनोज भाई के पिताजी का स्वर्गवास हो गया है पिछले एक दो दिन में जिस वजह से वह भी परेशान थे , तो मैंने कागज पत्री की जानकारी ढूंढ़ने देने का नहीं कहा। दस से पंद्रह दिन में वे मेरे पास आने वाले हैं।  इनसे हुई बातचीत और चैट मेरे पास सुरक्षित है। 

४. श्यामबाबू फ़िरोज़ाबाद : इन भाई का एडवांस हमपर आया हुआ है , और इनके 17 मादा सूकर और 1 सांड इनको पहले ही पहुंच चुका है बची हुई 7 मादा और 1 नर इनको बीस जून तक भेज दिया जायेगा इनसे एक हफ्ते पहले ये फ़ाइनल हो चूका है। वैसे इनके साथ दिक्कत ये थी कि इन्होने हमसे 23 मादा २ नर शूकर तैयार कराये एडवांस दिया , और माल लेने नहीं आये , मैंने इनका इन्तजार किया जब ये नहीं आये तो किसी और को बेच दिया।  दोबारा 6 महीने बाद माल लेने आये मैंने फिरसे माल तैयार किया श्याम जी को माल अपने फार्म पर दिखाया , इन्हे माल पसंद आया , तारीख तय की पर श्याम फिर से नहीं आये। मजबूरी में मैंने ये माल किसी दूसरे ट्रेडर को सस्ती कीमत पर बेचा। मेरा 50000 रु का घाटा भी हुआ , फिर भी गलती हमारी। 
श्याम जी को लिखित में दोनों बार सुचना दी गई जोकि मेरे पास सुरक्षित है। 
श्याम जी के एक हितैषी पडोसी ने मुझे फोन कर के कहा की श्याम को मादा मत देना , मै गवाही दूंगा की आपने मादा दे दी हैं , उनकी रिकॉर्डिंग भी मेरे पास है।  

एक दो नाम वे हैं जो ये सब करा रहे हैं , उन लोगो का नाम लिखकर मैं हाथों को कष्ट नहीं देना चाहता। 

नए फार्मर की कुछ गलत सोच :
  • कुलमिलाकर अगर किसी नए फार्मर की मादा कम बच्चे दे तो जानवर देने वाला ज़िम्मेदार। 
  • बच्चे टाइम पर ग्रोथ नहीं करते तो फीड और मैनेजमेंट जिम्मेदार नहीं , जिम्मेदार है जानवर देने वाला। 
  • सर्दी में आप पिग्लेट्स को ठण्ड से न बचा पाए तो जानवर देनेवाला ज़िम्मेदार। 
  • रास्ते में कोई दिक्कत हो जाये तो जानवर देने वाला ज़िम्मेदार। 
  • जानवर देने वाले की कीमत ज्यादा है, तो वो फ्रॉड है।
इतना लिखते लिखते ही हाथ थक गए , अब किसी को कुछ क्लियर करना हो तो भैया फ़ोन कर लें। 

बहुत सारे ऐसे फार्मर भी हैं जो मुझे बहुत प्यार और सम्मान देते हैं , हमें वे महत्वपूर्ण है। न कि वे जो महागठबंधन कर रहे हैं। समस्या तो मोस्टली लोकल लोगों को है , आखिर पडोसी जो ठहरे। हमसे ज्यादा हमारी चिंता हमारे पड़ोसियों और रिश्तेदारों को होती है , शायद ये अनुभव आपसभी के पास होगा ही। 

और हाँ , हम किसी फीड कम्पनी के एजेंट नहीं हैं, हमारे फार्म पर 5500 रु की फीड खाकर जानवर 100 किलो का हो रहा है। नए फार्मर को कोई हेल्प चाहिए तो फोन करें। किसी फार्मर को शानदार यॉर्कशायर मादा /नर /पिगलेट चाहिए तो फोन करे। 

हमारे जानवरो की क्वालिटी ... 







मोहित गौड़ 
गौड़ एग्रो 
09761491000



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