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Showing posts from 2020

90% Subsidy on Pig Farming

Good News! Govt to Allow 90% Subsidy on Goat, Sheep & Pig Farming ; Check How to Apply ? Animal husbandry is the fastest-growing Agri-business not only in India but across the globe. After farming, animal husbandry is considered as the second most important source of income for farmers. Through cattle, goat and sheep rearing, farmers can easily earn better income or double their earning capacity. Keeping this in mind, the central government along with state government has been initiating different schemes to give more power to the farmers. Recently, the central government has decided to give subsidy on sheep, goat and pig farming. In fact, with the aim of improving the standard of sheep, goat and pig rearing, the ‘Rural Backyard Sheep, Goat and Piggery Scheme’ has been started in the state of Uttar Pradesh which will run under the supervision of Animal Husbandry Department. Know the Cost of Goat / Sheep Rearing Chief Veterinary Officer of UP Badaun, Dr. AK Jadoun inf...

भरपूर दूध उतारने का तरीका

  पिग फार्मिंग में दूध उतरने की समस्या / सोया खली का न मिल पाना   पिग फार्मिंग करने वाले बहुत सारे फार्मर कई बार ब्रीडिंग करते समय कई तरह की समस्याओं में घिरे रहते हैं जैसे कि ...  दूध की पूरी मात्रा का न उपलब्ध होना। (मादा में दूध की कमी) पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सोया खली का न मिल पाना।  दूध पिलाते समय मादा शुकर का अत्यधिक कमजोर हो जाना।  सही समय पर हीट पर न आना।  कमजोर बच्चे पैदा करना।  ये सारी समस्याएं बहुत ही आम समस्या हैं जिन्हे लगभग सभी पिग फार्मर्स ने कभी न कभी देखा ही होता है। जब हम भी नए फार्मर थे तब ये सभी समस्यायें कभी न कभी हमने भी झेली थी।  यदि आप भी चाहते हैं कि आपके फार्म पर मादाओं को दूध कम उतरने की समस्या न आये तो आप नीचे लिखी बातों का ध्यान रखें।  बिनोला खली (कॉटन सीड केक)           ( कॉटन सीड ) दूध उतरने की समस्या को हमेशा के लिए अलविदा कहने के लिए आप सभी को प्रोटीन के लिए फीड में सोया खली की जगह बिनोला खली का इस्तेमाल करना है , जेस्टेशन पीरियड में कितना प...

फीड सस्ती और ग्रोथ जबरदस्त

कैसे करें अपने पिग्स की अच्छी ग्रोथ  दोस्तों ,  आजकल देखा जा रहा है कि जितनी सफलता पिग फार्मर्स को मिलनी चाहिए उतनी सफलता किसानो को नहीं मिल पा रही है जिसके कई कारण हैं जैसे कि ... सही फीड फार्मूला का न मिल पाना।  फीड कंपनियां फीड की कीमत को लगातार बढ़ाते जा रही हैं और जो मुनाफा किसान को होना चाहिए उसका लगभग आधा या उससे अधिक मुनाफा फीड कम्पनियो की जेब में चला जाता है।  फेटनिंग के जानवरों को ब्रोकर सही कीमतों पर नहीं खरीदते , आज के समय में (जनवरी 2020) में जब फेटनिंग के जानवरो की कीमत 120 रु प्रति किलोग्राम (जीवित) है तब भी अधिकतम ब्रोकर / ट्रेडर ऐसे हैं जो ड्राई फीड बेस्ड जानवरो की कीमत 105 रु प्रति किलोग्राम से शुरू करते हैं।  जानवरों को सही तरीके से रखरखाव की व्यवस्था का न होना।    पिग फार्मर्स में एकता न होना।  परेशान किसान  स्वस्थ जानवर  अब आते हैं आज के मुद्दे पर , कि सही मुनाफा लेने के लिए किस तरह की व्यवस्था करी जाय जिससे सही समय में सही ग्रोथ हो और फीड की कीमत भी अनाप शनाप तरीके से न बढे। अच्छी बढ़वार क...