पिग फीड
नमस्कार किसान भाइयो / नव उद्द्यमियों ,आज की वर्तमान स्थिति में शूकर पालन , पिग फार्मिंग - हॉग इंडस्ट्री के रूप में परिवर्तित हो चुका है। यह कहना अतिश्योक्ति न होगी की आजकल पिछले लगभग दो वर्षों से पिग फार्मिंग का स्वरुप बिलकुल बदल चुका है। परम्परागत तरीके से खुले में पलने वाले काले सूकरों की जगह अब उन्नत किस्म के सूकरों ने कमर्शियल फार्मों में ले ली है, जिनमे मुख्य रूप से दो नस्लों का इस्तेमाल उत्तर भारत में ज्यादा हो रहा है।
१. लार्ज व्हाइट यॉर्कशायर ,
२. लैंडरेस
वर्तमान भारतीय बाज़ार में लगातार पोर्क (सूकर का मीट) की बढ़ती मांग के कारण इस व्यवसाय में प्रॉफिट का अनुपात अन्य व्यवसायों के अपेक्षा काफी ज्यादा है।
पिग फार्मिंग को अपना मुख्य व्यवसाय बनाने में कई तरह की बातें महत्वपूर्ण होती हैं जैसे कि नस्ल, राशन, टीकाकरण , साफ़ सफाई और स्ट्रक्चर (शेड) की बनावट। आज का ब्लॉग पिग फीड पर आधारित है।
पिग फीड के प्रकार : पिग फीड मुख्य रूप से तीन भागों में है।
- होटल फीड / किचिन फीड और होटल वेस्टेज / किचिन वेस्ट,
- ड्राई फीड ,
- हरा चारा
होटल फीड और होटल वेस्ट में अंतर
एक बात भारतीय पिग फार्मिंग में बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है , वह है होटल फीड / होटल वेस्ट के बारे में समझना।
होटल फीड : होटल फीड या किचिन फीड वह राशन होता है जो किसी बड़ी रसोई में बना होता है और मुख्य रूप से मानव योग्य होता है बस किसी कारणवश वह बच जाता है , उसमें किसी भी प्रकार की गंदगी , छिलके या कुछ अन्य नहीं होता है। इस बात को हम इस तरह भी समझ सकते हैं जैसे किसी मेगा किचिन में ५०० लोगों का खाना बना लेकिन वहां ४०० लोग आये तो १०० लोगों का खाना बिलकुल शुद्ध बच गया जिसमे किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं मिली हुई होती। इस तरह के राशन को होटल फीड कहेंगे न कि होटल वेस्ट। यह राशन पिग्स के लिए बहुत उपयुक्त है बशर्ते वह एक या दो दिन ज्यादा पुराना न हो , मतलब खराब न हो।
होटल वेस्ट
होटल वेस्ट : होटल वेस्ट वह राशन होता है , जो किसी बड़ी रसोई में बनता है लेकिन इसमें बनने वाली सभी सब्जियों , सब्जियों के छिलके , खराब सब्जी, बची हुई खराब चीजें जैसे आलू के छिलके, गोभी के डंठल, ख़राब दूध , जली हुई रोटियां जैसी चीजें शामिल होती हैं। इस तरह के राशन में कुछ हिस्सा तो पिग्स के खाने लायक होता है और अधिकांश नहीं लेकिन जानकारी के आभाव और पैसे बचाने के लालच और शॉर्टकट की वजह से कुछ किसान इसका इस्तेमाल करते हैं। मेरे निजी अनुभव के आधार पर मेरा मानना है कि होटल वेस्ट पिग्स की सेहत के लिए ठीक नहीं होता।
पेलेट फॉर्म ड्राई फीड
हरा चारा (ग्रीन फीड): हरा चारा मुख्य रूप से दुधारू पशुओं को खिलाया जाता है , जैसे बरसीम, हरे पत्ते, बाजरा, मक्का आदि आदि। पिग्स के लिए हम लोग हरी सब्जियों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं जैसे फूल गोभी , बंध गोभी, गाजर, पालक आदि आदि। कई बार मौसम में हरी सब्जिया काफी सस्ती मिल जाती हैं तो उनका उपयोग किया जा सकता है। लेकिन मेरा मानना है कि हरी सब्जिया व हरा चारा मुख्यतः ब्रेकफास्ट के तरीके से खिलाया जाना चाहिए नकि बजन बढ़ने के लिए क्यूंकि मुख्यरूप से हरे चारे में नमी/पानी की मात्रा काफी ज्यादा होती है और इनमे विटामिन्स की मात्रा भी पाई जाती है।
ड्राई पिग फीड बनाने के सही वैज्ञानिक तरीका
- ब्रीडिंग फीड
- क्रीप फीड
- ग्रोवर फीड
- फिनिशर फीड
ब्रीडिंग फीड
ब्रीडिंग फीड बनाने का सही तरीका जिसके द्वारा आप अपनी साउ / गिल्ट (मादा शूकर ) से अच्छा प्रजनन ले सकते हैं।
- नमक (आयोडीन युक्त) - 500 ग्राम
- मिनरल विटामिन पाउडर - 1.5 किलोग्राम
- मीठा खाना सोड़ा - 500 ग्राम
- टॉक्सिक बाइंडर पाउडर - 100 ग्राम
- ज़िंक सल्फेट पाउडर - 100 ग्राम
- डी. सी. पी. पाउडर - 1 किलोग्राम (DCP - डाई कैल्शियम फॉस्फेट)
- मार्बल पाउडर / कैल्साइट - 1. 3 किलोग्राम
- सीरा / मोल्हेसिस - 5 किलोग्राम
- सोया खली / मूंगफली खली - 10 किलोग्राम
- मक्का (बिलकुल फ्रेश ) - 35 किलोग्राम
- जौ - 25 किलोग्राम
- राइस पोलिश + किनकी - 20 किलोग्राम
नोट : बच्चे देने वाली मादाओं के लिए जौ काफी ज्यादा लाभदायक होता है। राइश पोलिश, किनकी और जौ की मात्रा को कीमतों के अनुसार या फिर उपलब्धता के अनुसार घटाया या बढ़ाया जा सकता है। मक्का को आप अपनी सुविधनुसार बढ़ा सकते हैं।
खिलाने का सही तरीका
- गाभिन मादा को 2 किलो सूखा राशन प्रतिदिन दें , इससे ज्यादा नहीं।
- गाभिन मादा को दोपहर में हरा चारा , नाश्ता बतौर दिया जा सकता है।
- यदि फार्म में वाटर निपल लगे हुए हों तो गर्मियों में सूखा राशन ही दें।
- सर्दियों में जानवर पानी कम पीते हैं इसलिए उन्हें राशन गीला देंगे तो उनके शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। आप १ किलो सूखे राशन में तीन से चार लीटर पानी मिला सकते हैं।
- मादाओं के बच्चे देने के बाद , राशन को फ्री स्टाइल में खिला चाहिए, मतलब जितना मादा चाहे उतना।
क्रीप फीड , ग्रोवर फीड व फिनिशर फीड बनाने की जानकारी जल्द ही इस ब्लॉग में जोड़ दी जाएगी।
अभी इस ब्लॉग में केवल ड्राई ब्रीडिंग फीड की जानकारी दी गई है, जोकि हमारे अपने फार्म के अनुभवों के आधार पर बनाई गई है। किसी भी प्रकार से आप इसके इस्तेमाल के लिए बाध्य नहीं हैं। अधिक जानकारी के लिए आप हमें संपर्क कर सकते हैं।
धन्यवाद
गौड़ एग्रो
उत्तर प्रदेश
मोबाईल - 09761491000 / 09758653000
बहुत खूब।
ReplyDeleteThank you Pradeep ji
DeleteExcellent
ReplyDeleteThank You
DeleteExcellent .
ReplyDeleteFrom Adarsh pig farm Ferozpure city Punjab 09878600797
Thank You so much
DeleteVery nice and portant information for pig farmers
ReplyDeleteFrom Er.Suhas Karnataka
9611935259
Thanks
DeleteBah sir ji Kiya baat hai bahut khoob
ReplyDeleteThank you
DeleteEver green agro pigri farm meerganj Bareilly
ReplyDeleteGood luck ....
DeleteSuper excellent
ReplyDeleteThank you so very much ....
Deleteसही सटीक जानकारी उपलब्ध कराने का बहोत ही सराहनीय प्रयास,
ReplyDeleteआभार व धन्यवाद गौर साब🙏
धन्यवाद
DeleteSuperb
ReplyDeleteThanks
DeleteBhot achi knowledge dete ho ap. Koi group Vgera ho toh add krna mera mob. 9416876312.
ReplyDeleteThanks alot, I will add you in my list then every blog information automatically shared to you.
DeleteSend your request on my whatsapp 9761491000
DeleteSir AAP ke feed farmule ke saath feed banege to feed kya price par kg banege
ReplyDeleteरेडीमेड कंपनीकी फीड से काफी कम ।
DeleteCreep feed और Finisher Feed की भी जानकारी देने की कृपा करें आपकी जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
ReplyDeleteदूसरे ब्लॉग्स को देखिये, मैने जानकारी शेयर कर दी है ।
DeleteVery good and informative blog for piggery.
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