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Blood Infection in Pigs (Red Spots)/खून में इन्फेक्शन

 खून में इंफेक्शन / Blood Infection in Pigs

खून में इन्फेक्शन हो जाना पिग फार्मिंग में होने वाली एक गंभीर बीमारी है, खून में इन्फेक्शन होने पर नीचे लिखे हुए लक्षण दिखाई देते हैं 
  • लगातार बुखार का रहना। 
  • राशन कम खाना या कई बार न खाना। 
  • शरीर में कमजोरी आते रहना। 
  • शरीर पर लाल या नीले चकते बनना। 
  • शरीर पर बने धब्बो में पास पड़ना या गलाव पड़ना। 



ऐसी स्थिति आ जाने पर बिना देर किये सबसे पहले किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लें , अपने आप कोई ट्रीटमेंट न शुरू करें। ठीक इसी तरह के लक्षण एक और बीमारी में भी दीखते हैं जिसका नाम "स्वाइन ऐरिसेप्लास/ 
Erysipelas" होता है। "स्वाइन ऐरिसेप्लास" भी एक बहुत खतरनाक बीमारी है जिसे यदि समय पर न रोका जाय तो यह पुरे फार्म में भी फ़ैल जाती है। आम तौर पर "स्वाइन ऐरिसेप्लास" को बहुत सारे किसान स्वाइन फीवर / स्वाइन फ्लू समझ लेते हैं और उसी के हिसाब से इलाज भी करने लगते हैं। "स्वाइन ऐरिसेप्लास" बीमारी हवा से नहीं बल्कि जानवर के लार से ही फैलती है। 
अगर किसी भी जानवर को यह बीमारी लग जाती है तो वह जानवर जिस जगह खाना खाता है या जिस बाड़े में खाना पीना करता है संभव है उस बाड़े के सभी जानवरों को यह संक्रमण फ़ैल सकता है क्यूंकि जानवर एक दूसरे को सूंघते ही अक्सर।  इसलिए अगर आपके किसी भी जानवर को यह दिक्कत होती है तो सबसे पहले उस जानवर को बाड़े से निकाल कर एक अलग कमरे में भेज दें जहा उसका किसी भी दूसरे जानवर से शारीरिक संपर्क न होता हो। इससे संक्रमित जानवर कुछ नीचे दिए हुए जानवरों जैसे दिखाई देते हैं। 

जैसा कि इन फोटो में आप देख सकते ठीक इसी तरह के लक्षण पिग्स में दिखाई देने लगते हैं।

 "स्वाइन ऐरिसेप्लास"  को ठीक करने के लिए इलाज है "पेनिसिलिन "

 पेनिसिलिन का इंजेक्शन भी बाजार में आसानी से उपलब्ध है और यह साल्ट पाउडर फॉर्म में भी आता है। अगर जानवर ने खाना पीना काम कर दिया है तो लगातार तीन दिन तक इंजेक्शन लगा दें और साथ में एक आइवरमेक्टिन का इंजेक्शन भी लगा दें उसके बाद अगले 21 दिनों तक "पेनिसिलीन" पाउडर फीड में मिला कर देते रहें। 

आयुर्वेदिक देशी इलाज 

अगर आप अपने फार्म के पिग्स में खून के इन्फेक्शन से जूझ रहे हैं तो आप अपने सभी जानवरों के राशन में करीपत्ता / मीठा नीम नाम के पेड़ के पत्तों को मिला सकते हैं। खून की सफाई के लिए यह पत्तियां बहुत ही अच्छा फायदा देती हैं। 

हम भी अपने फार्म पर दो माह में एक बार कम से कम एक सप्ताह के लिए करीपत्ते राशन में जरूर मिला लेते है इससे जानवर की स्किन काफी हेल्दी हो जाती है और इसे जानवर बहुत चाव से खता भी है। मीठा नीम अक्सर सभी जगह आसानी से मिल जाता है और अगर आपके आस पास न भी हो तो पास की किसी भी सरकारी नरसरी से लेकर इसे लगा सकते हैं। 

ब्लॉग पढ़ने के लिये धन्यवाद / अपने साथियों को भी आप इस ब्लॉग को शेयर करें। 

 

Gaur Agro
Distt. Bulandshahr (UP)
E-Mail - gauragro@gmail.com
Mobile : (+91-9761491000)


अभी इस ब्लॉग में केवल जो जानकारी दी गई है, जोकि हमारे अपने फार्म के अनुभवों के आधार पर बनाई गई है। किसी भी प्रकार से आप इसके इस्तेमाल के लिए बाध्य नहीं हैं, अपने विवेक का इस्तेमाल भी करें  अधिक जानकारी के लिए आप हमें संपर्क कर सकते हैं। 




Comments

  1. आप के ब्लोग पर यह जानकारी पढकर हमें मदद मिलेगी। धन्यवाद

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत धन्यवाद भाई जी ।
      अगर आपके जरा भी काम आया ये ब्लॉग तो बड़ी खुशी होगी ।

      Delete
  2. Good blog for pig farming.

    ReplyDelete

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